हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने सय्यद अल शोहदा की मजालिसे अज़ा की रस्मो मे अलम रखने या जूलूस मे लेकर चलने से संबंधित पूछे गए प्रशन का उत्तर दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए प्रश्न और उसके उत्तर का पाठ बयान कर रहे है।
प्रश्न: सय्यद अल शोहदा की मजालिसे अज़ा की रस्मो मे "अलम" रखने या जुलूस में लेकर लने का क्या हुक्म है?
उत्तरः यह अपने आप में जायज़ है, लेकिन उपरोक्त बातों को धर्म का हिस्सा नहीं माना जाना चाहिए।